उसी घर प्रताप नगर पर।
कई कहानियां है जिसकी,
वहाँ एक कहानी और बनाते है।
हरदीप HM, विकास CA, फिर
सबका हिसाब शुरू करवाते है।
Government
हम सब
और परेशान public मयंक,
फिर से खुद का देश चलाते है।
फिर से खुद का देश चलाते है।
सत्यम, अतुल, अशोक सर और
बाकी सबको भी वही बुलाते है,
बाकी सबको भी वही बुलाते है,
Laptop में counter-strike का
फिर से वही माहौल बनाते है।
फिर से वही माहौल बनाते है।
शाम की चाय, रात की फालूदा
सब वही है, चलो मिलकर आते है।
मकर संक्रांति को पेच पतंग का,
एक बार फिर शुभम वही लड़ाते है।
नही तो फिर महाशिवरात्रि वहाँ,
मंदिर का एक चक्कर लगाते है।
मंदिर का एक चक्कर लगाते है।
वो 2 अब भी इंतज़ार करती होगी
चल शिवांग बात करके आते है।
नवीन की घोची, शिवांग के UNO,
और भी बहुत है, सब खेल आते है।
Company
Engineer's Adda
और वो package 0 ₹ का,
चलो फिर से placed हो जाते है।
~लोकेश शर्मा।
~लोकेश शर्मा।
PRATAP NAGAR'S STORIES~
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