Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2020

न फिर कभी। लोकेश शर्मा।

हाँ मेरी कुछ बाते है ऐसी, जो शायद तुम्हे अच्छी न लगे। पर आज न कह सका, तो न कह सकूँगा फिर कभी। तुम जा तो रही हो छोड़कर, रोकूंगा नही तुम्हें अब। पर वादा है मेरा तुमसे, अब न मिलूंगा तुम्हें फिर कभी। चाहे दुख में ही दिन गुजरे, या फिर रो कर कटे रात। न होगा तुम्हारा इंतज़ार, न करूँगा अभिनंदन फिर कभी। जब कभी अकेला लगेगा, तब याद जरूर आएगी। पर साथ देने तुम्हारे, अब न आऊँगा मैं फिर कभी। ~लोकेश शर्मा।

बारिश आई है, भीग जाने दे। लोकेश शर्मा।

बारिश आई है ,  भीग जाने दे। आज खुद को तू भीग जाने दे। भाग भाग के सारे दिन काटे है , जाग जाग कर रोज़ राते काटी , हर वक़्त दिमाग के घोड़े भागे है , पीछे कहीं रह न जाऊं मैं बाकी , इस बारिश में इन्हें रुक जाने दे , कुछ खुद को तू आराम पाने दे। बारिश आई है , भीग जाने दे। आज खुद को तू भीग जाने दे। सब मे तू पर सब से दूर यहाँ , बहुत कुछ दिल मे छिपाता है , बाहर मुस्कुराता तेरा चेहरा यहाँ , दिल को अकेले क्यूँ रुलाता है , कैद है जो तेरे दिल में कब से , दरिया उसे बाहर बह जाने दे। बारिश आई है , भीग जाने दे। आज खुद को तू भीग जाने दे। खाना रहना पहनना मिला है , ये सब भी कुछ कम थोड़े है , बाकी दुनिया के झूठे तौर-तरीके , ये तेरे सुकून से बढ़कर थोड़े है , और भी बहुत कुछ मिल जाएगा , पर आज मन को सुकून पाने दे। बारिश आई है , भीग जाने दे। आज खुद को तू भीग जाने दे। हर कदम सोचा समझा है तूने , न जाने कब से जीना छोड़ा है , आज का ये पल फिर हो नही , आज क्यूँ फिर बोझा ढोया है , न आज हो कल की फिक्र तुझे , आज ये पल को महक जाने दे। बारिश आई है ,