हाँ मेरी कुछ बाते है ऐसी,
जो शायद तुम्हे अच्छी न लगे।
पर आज न कह सका,
तो न कह सकूँगा फिर कभी।
तुम जा तो रही हो छोड़कर,
रोकूंगा नही तुम्हें अब।
पर वादा है मेरा तुमसे,
अब न मिलूंगा तुम्हें फिर कभी।
चाहे दुख में ही दिन गुजरे,
या फिर रो कर कटे रात।
न होगा तुम्हारा इंतज़ार,
न करूँगा अभिनंदन फिर कभी।
जब कभी अकेला लगेगा,
तब याद जरूर आएगी।
पर साथ देने तुम्हारे,
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