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क्या तुम्हे है ये याद? । लोकेश शर्मा ।

°क्या तुम्हे है ये याद?

वो देर रात, फ़ोन पर बात,
यूँ मुझे बुलाना तेरे पास।
हाथो में हाथ, साथ साथ,
टहलना फिर सुनसान रात।

और

वो रात तेरी, हर हसीन रात,
हर घड़ी, पल बस तेरा साथ।
आंखों से आंखे, हाथो से हाथ,
यूँ पेंच लड़ाते हम करते बात।

फिर

चिपक जाना एक दूजे के साथ,
फिर क्या होंठ और क्या गाल।
गले मिल, सुनना दिल का हाल,
बस महसूस करना, रहना शांत।

पर

अब देर रात, फ़ोन पर बात,
यूँ न आ पाना अब तेरे पास,
हाथो में न अब हाथ साथ,
अकेले अकेले अब सुनसान रात।

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