कागज को क्या
पता कि,
इस पर कब
क्या लिखा है?
लेकर सहारा
इसका किसने,
किसपे शब्दो
से वार किया है।
इसने ग़ज़ब क्या किया है?
स्याही के
रंग में न जाने,
किसका सर
कलम किया है।
उन शब्दों
को क्या पता कि,
उन्होंने
किस से क्या कहा है?
कौन था गलत
कौन था सही,
सब ये सबको
बता दिया है।
अब किस को
क्या पता कि,
इस जुर्म
की क्या सज़ा है?
ठीक तो सब
कुछ था ही,
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