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वो बाते, हिंदी कविता। wo baate hindi poem.

बातो ही बातो में कभी कभी,
उन बातो की याद आ जाती है,
जिन बातो को खुद से न कभी,
याद करने की बात होती है।

शब्दो ही शब्दो में दबी दबी,
दिल की आह बन आ जाती है,,
कविताओं के शब्दो में दबी,
फिर एक पहचान बनी होती है।


कुछ न कुछ बहुत कमी कमी,
मुझसे जब ये भी दूर हो जाती है,
खलती है मुझे जिसकी कमी,
उसकी उसमे याद बसी होती है।


LHS


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