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Showing posts from May, 2018

वो बाते, हिंदी कविता। wo baate hindi poem.

बातो ही बातो में कभी कभी, उन बातो की याद आ जाती है, जिन बातो को खुद से न कभी, याद करने की बात होती है। शब्दो ही शब्दो में दबी दबी, दिल की आह बन आ जाती है,, कविताओं के शब्दो में दबी, फिर एक पहचान बनी होती है। कुछ न कुछ बहुत कमी कमी, मुझसे जब ये भी दूर हो जाती है, खलती है मुझे जिसकी कमी, उसकी उसमे याद बसी होती है। ~लोकेश शर्मा। LHS

कॉलेज के बाद कुछ शब्द। लोकेश शर्मा।

सामने न होकर भी, सामने नज़र आयेंगे | आज जा रहे है कॉलेज से, कल यादो में मिलने आयेंगे | कैसे भूल सकते है, इन प्यारे 4 सालो को, मुझे तो ये हमेशा याद आयेंगे ||

पल पल उस पल की याद दिलाता है। लोकेश शर्मा।

पल पल उस पल की याद दिलाता है, जिस पल एक दूसरे को पल भर देखा था। कल कल रोज़ एक कल समय दिखलाता है, न वो कल आता न वो आता दिखता था। क्या क्या करते क्या कुछ हो जाता है,