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इधर देखा उधर देखा। लोकेश शर्मा।

इधर देखा उधर देखा,
जब देखा जिधर देखा,
तुझे रोज़ अपने साथ और
रोज़ नया ख्वाब देखा।

तेरा मुस्कुराता चेहरा देखा,
घनी झुल्फों का घेरा देखा,
तुझे सजते सवरते और
वही पुराना अंदाज़ देखा।

मुझे देख शर्माना देखा,
आंखों का इशारा देखा,
तुझे प्यार करना और
मुझसे रूठना मनाना देखा।

तेरा मेरे साथ खुश हो जाना,
बीच मे ही तेरा छोड़ जाना,
रंगीन मैंने हर ख्वाब और
हर ख्वाब में अंत समान देखा।

इधर देखा उधर देखा,
जब देखा जिधर देखा,
तुझे रोज़ अपने साथ और
रोज़ नया ख्वाब देखा।

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