तेरा बीच राह मुझे यूँ छोड़ जाना तेरे लिए खेल है तो फिर खेल वहीं... जितना प्यार किया तेरे लिए शायद कम रहा मेरी तू रही नहीं तो फिर ना सही... मैं तो पूरा का पूरा तेरा ही सिर्फ तेरा ही था तुझे काफी नहीं तो फिर ना सही... तुने तेरी दुनिया एक बार फिर से बदली है वो अब मैं नहीं तो फिर कोई और सही... मेरी दुनिया का तो तुझे पता ही है ना अब जो साथ तू नहीं तो फिर मैं नहीं... ~लोकेश शर्मा ।
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