देखो एक बात है जो मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ,  न जाने कब से तुम्हें समझाना चाहता हूँ।   रुक रुक कर सोचता हूँ कि अब बता भी देता हूँ,  पर जब सामने होती हो तो अंदर छुपा भी लेता हूँ ।  दिल कहता है बोल दे, दिमाग कहता जरा सोच ले,  हिम्मत तो है मुझमें पर तुम्हें खोने से  मैं  डरता हूँ ।  
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