दीदार भी हैं तो सिर्फ तेरा ही, इन आंखों का कोई और ख़ुदा नहीं हैं। यूँ तो कई बार तुझको देखा हैं मैंने, फिर भी जी-भर कर अभी देखा नहीं हैं। तू साथ हैं मेरे मेरी जिन्दगी में, फिर मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं हैं। मैं चाहूँ तुझे कितना भी पा लूँ, तू वो प्यास हैं जो कभी बुझती नहीं हैं। ~ लोकेश शर्मा।
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