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Showing posts from October, 2019

मेरी नींदें उड़ा कर, वो चैन से सो गई। लोकेश शर्मा।

मेरी नींदें उड़ा कर , वो चैन से सो गई। सब कुछ तो किया था , न जाने कहाँ कमी रह गई। अब तो दिन-रात , सब एक-सी हो गई । रात को बारिश की बूँदें , दिन   में उनकी नमी रह गई। ~लोकेश शर्मा।